अब बाड़मेर में आलू की खेती से आएगी कृषि क्षेत्र में क्रांति
कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की दिशा में बाड़मेर का बड़ा प्रयोग, मल्टीनेशनल कम्पनी से आलू की खेती का एग्रीमेंट। बाड़मेर के तारातरा मठ गांव के किसान विक्रमसिंह राठौड़ व ज़ीटा फार्म्स ने किया नवाचार।
कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की दिशा में बाड़मेर ने पहला बड़ा प्रयोग शुरू कर दिया है। तारातरा मठ गांव के किसान विक्रमसिंह ने बहुराष्ट्रीय कम्पनी मकेन के साथ आलू की खेती का एग्रीमेंट किया है। एग्रीमेंट के तहत उन्होंने अपने खेत में 25 एकड़ में आलू की बुवाई का काम शुरू कर दिया है। जीरे व अनार की खेती में खास स्थान रखने वाले बाड़मेर जिले में आलू की व्यवसायिक खेती का यह प्रथम प्रयोग है। उम्मीद से लबरेज किसान विक्रमसिंह कहते हैं कि उन्हें पूरा भरोसा है कि यह पहल तकनीक आधारित खेती की दिशा में जिले के किसानों के लिए नए द्वार खोलेगी।
दो वर्ष से तैयारी
तकनीक आधारित खेती में रूचि रखने वाले विक्रमसिंह दो वर्ष से कृषि में नवाचार की तैयारी कर रहे थे। नई राह तलाशने के दौरान उनका सम्पर्क जीटा कम्पनी के कृषि विशेषज्ञों से हुआ। जीटा देश भर में संविदा खेती करती है। जीटा के विशेषज्ञों ने करीब एक वर्ष पहले तारातरा मठ स्थित विक्रमसिंह के खेत का दौरा कर मिट्टी-पानी इत्यादि आवश्यक तत्वों का अध्ययन किया। अंतत: जीटा के माध्यम से बहुराष्ट्रीय कम्पनी मकेन ने यहां पर आलू की संविदा खेती का अनुबंध कर लिया।
यहां के आलू से बनेगी फ्रेंच फ्राइज
मकेन ने बीज रूपी तीन संवर्ग के 32,500 किलो आलू किसान के फार्म पर बुवाई के लिए भिजवा दिए हैं। बीज रूपी इन आलू से वेजिटेटिव प्रपोगेशन (कायीक प्रजनन) विधि से आलू की बुवाई का काम शुरू कर दिया है, जो एक सप्ताह में पूरा हो जाएगा। इसके बाद 90 से 100 दिन के भीतर दस गुणा आलू की फसल तैयार होने की उम्मीद है।
गांव की महिलाओं को रोजगार
आलू की बुवाई के लिए तारातरा मठ गांव की करीब 50 महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया है। बीज रूपी आलू आने के बाद महिलाएं बुवाई के लिए आलू को तैयार करने में जुटी हुई है। किसान विक्रमसिंह का कहना है कि गांव की महिलाओं को अपने ही गांव में रोजगार मिल रहा है, यह अपने आप में सुकून देने वाली बात है।
मकेन लेगी पूरी फसल
अनुबंध के तहत फसल उत्पादन के बाद गुणवत्ता की जांच होगी। गुणवत्ता के आधार पर वर्गीकरण के बाद आलू की पैकिंग होगी। विश्व के 160 देशों में आलू की फ्रेंच फ्राइज का कारोबार करने वाली मकेन कम्पनी पूरी फसल खेत से ही क्रय कर लेगी।